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Mere To Girdhar Gopal Lyrics – मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई कृष्ण भजन

krishn Bhajan

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई,
जाके सर मोर मुकुट, मेरो पति सोई ।

कोई कहे कारो, कोई कहे गोरो,
लियो है अँखियाँ खोल,
कोई कहे हलको, कोई कहे भारो,
लियो है तराजू तौल ।
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई…

कोई कहे छाने, कोई कहे छुवने,
लियो है बजन्ता ढोल,
तन का गहना मैं सब कुछ दीन्हा,
लियो है बाजूबंद खोल ।
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरा न कोई…

असुवन जल सींच सींच प्रेम बेल बोई,
अब तो बेल फ़ैल गयी,
आनंद फल होई ।
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई…

तात मात भ्रात बंधू,
आपणो ना कोई,
छाड़ गयी कुल की कान,
का करीहे कोई ।
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरा न कोई…

चुनरी के किये टोक,
ओढली लिए लोई,
मोती मूंगे उतार,
बन माला पोई ।
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई…

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