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भारतवर्ष में एक राजा राज्य करता था वह बड़ा प्रतापी और दानी था। वह नित्य गरीबों और ब्राह्‌मणों…

प्राचीन काल में एक बुढ़िया रहती थी। वह नियमित रूप से रविवार का व्रत करती थी। रविवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर बुढ़िया स्नानादि से निवृत्त होकर अपने आंगन को गोबर से लीपकर स्वच्छ करती थी…

एक बार एक धनी व्यापारीथा। वह एक कट्टर भगवान शिव भक्त थे। लेकिन शादी के कई साल बाद भी उनकी कोई संतान नहीं हुई। …

नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी, त्रिभुवन फैल रही उजियारी ॥

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ 
निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।

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